...

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छोड़ के जाने की ज़रूरत क्या थी??
#PoeticEra
⚡2122 1122 1122 22⚡
यूँ पशेमां हो के आने की ज़रूरत क्या थी,
प्यार था छोड़ के जाने की ज़रूरत क्या थी,,
(पशेमाँ-शर्मिंदा)
याद मुश्किल से भुलाई थी तेरी किश्तों में,,
राख़ को आग लगाने की ज़रूरत क्या थी,,

सर्द सी रात मेरे दिल पे चली थी जब तुम,
लम्स वो याद दिलाने की ज़रूरत क्या थी
(लम्स- स्पर्श)
तुम अगर देख के मुँह फेरती बेहतर होता
इश्क़ लोगों को बताने की ज़रूरत क्या थी,,

मेरे ख़त आज भी यूँ पास में क्यो रखती हो
बेवजह ख़ुद को सताने की ज़रूरत क्या थी,
*विकास जैन व्याकुल*