...

5 views

ज़िन्दगी की किताब
काश , ज़िन्दगी सचमुच एक किताब सी होती पढ़ सकता मै कि आगे क्या होगा ?
कितना रोना है और कितना मुस्कुराना है ।
जीवन का खेल बस यहीं तक का है कि अभी और पड़ाव देखने बाकी है ।
ज़िन्दगी अगर वाकई एक किताब होती तो फाड़ देता उन पन्नों को जिसने मुझे बहुत रुलाया है ।
क्या था सपना...