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//नृत्य //
नृत्य एक अलौकिक कला जो भावाभिव्यक्ति ।
मनुष्य के आंगिक क्रियाओं से नृत्य की उत्पत्ति ।
शास्त्रीय हो या लोकनृत्य हमारी भारतीय संस्कृति।
वेद पुराणों में भी नृत्यकला की महत्ता दर्शाती ।
हर उत्सव, समारोह में होता नृत्य का आयोजन ।
नृत्य ऐसी कला सर्वश्रेष्ठ मनोरंजन का साधन ।
मोहिनी अवतार ले विष्णु ने भस्मासुर किया आकृष्ट।
नटराज शिव तांडव नृत्य कर सारा ब्रम्हांड करते नष्ट।
मनमोहिनी बनकर दर्शको को नृत्य करता मंत्रमुग्ध।
छोटे से बड़ो तक हर कोई नृत्यकला पर होता लुब्ध ।
संगीत बजते ही थिरकने लगते है हर किसी के पांव।
नृत्य ऐसी कला जो दूर करती मन के सारे तान तनाव।
नृत्य भारतीय हो या पश्चिमी मन को करती उत्साहित।
हर्ष, उमंग, प्रसन्नता, उल्हास मन में होती संचारित ।
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