...

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कुछ भीगा कुछ रीता
इस बारिश के मौसम में मन कुछ भीगा सा है कुछ रीता सा है,
दिल कुछ शायराना सा हुआ ही था कि,
दिमाग ने कहा दरअसल प्रीति, तुम्हारा खाने को मन कुछ तीता सा है,
मुँह फीका तो हर सूं रीता सा ही महसूस होगा😊
अंदर का शायर कड़ाही में खौलते तेल में डूब कर मर गया😢😢☺️😊