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मोहब्बत
धर्म से धर्म सीखा जाता,
धर्म जीने की राह भी बताता।
एक रोज बिगड़ गए कुछ परिंदे,
उनके अल्फाज में धर्म हथियार भी बताता है।
नजाने कौन सा छाव दिखा उजाले में
मां तो मां होती है, बाप तो बाप होता है
सुना है एक भीड़ का हिस्सा,
पिता और अब्बा जान बताता है।
© reality mirror
धर्म जीने की राह भी बताता।
एक रोज बिगड़ गए कुछ परिंदे,
उनके अल्फाज में धर्म हथियार भी बताता है।
नजाने कौन सा छाव दिखा उजाले में
मां तो मां होती है, बाप तो बाप होता है
सुना है एक भीड़ का हिस्सा,
पिता और अब्बा जान बताता है।
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