दास्तां अपनी अपनी
तेरी बेसब्री को अच्छी तरह से जानती हूँ!
तुझ पर क्या बीत रही वो भी मैं पहचानती हूँ!!
अपने इश्क को तुम अल्फ़ाज़ों मे बयां करते हो!
क्या मेरी हालत का तुम...
तुझ पर क्या बीत रही वो भी मैं पहचानती हूँ!!
अपने इश्क को तुम अल्फ़ाज़ों मे बयां करते हो!
क्या मेरी हालत का तुम...