इश्क की दास्तान
हर रास्ते में साथ चलना है
गिरना है और फिर संभलना है
आधे अधूरे से जो ख्वाब देखे हैं
संग तेरे हमें पूरा करना है
कांटे जो आए पैरो तले तेरे
भाग कर उन्हें फूलों...
गिरना है और फिर संभलना है
आधे अधूरे से जो ख्वाब देखे हैं
संग तेरे हमें पूरा करना है
कांटे जो आए पैरो तले तेरे
भाग कर उन्हें फूलों...