रंगीन दुनियां
सोच नही, अनुभव लिखा है,
इस दुनिया को रंगीन मैने लिखा है।
यू तो कुदरत में अनेक रंग।
ईर्ष्या, मतलब, लोभ, स्वार्थ, निंदा
सबको रंगीन मैने लिखा है।
जब सोचोगे..!...
इस दुनिया को रंगीन मैने लिखा है।
यू तो कुदरत में अनेक रंग।
ईर्ष्या, मतलब, लोभ, स्वार्थ, निंदा
सबको रंगीन मैने लिखा है।
जब सोचोगे..!...