...

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उदासी..
एक उदासी सी छाई है जिंदगी मे
हर कोई व्यस्त है अपने आप मे
यू ही आस लगाये बैठा है ये दिल
परवा नहीं है किसीको जजबातों से
हर कोई खुश है अपनी जिंदगी मे
एक मन ही है जो उदास है
जिनकी पास रेहेने कि उम्मीद करता हू
उनके लिये तो ये सब बकवास है
पता नहीं गम के बादल कब हटेंगे
प्यार के वो दिन फिर लोटेंगे
चांदणी राते होगी
किसी अपनेकि साथ होगी
फिरसे जिंदगी मुस्कुरायेगी
ना जाणे वो रात कब आयेगी
काश तुझे ये बाते समझ आये
मेरी खामोशी तू सून पाये
अब नहीं जी करता रूठनेको
नाराज होके फिर मनानेको
न जाणे कब ये जिंदगी कि शाम डूब जाये
मेरे सारे अधुरे सपने यही छूट जाये......