Dohri Soch ka dhaga...!?💕
क्या तुम मुझे राखी बांध सकती हो ??
बहन तो मेरी बहुत है पर क्या तुम मुझे अपना भाई मान सकती हो ??
ये तवायफ कि राखी है जनाब
बेइज्जती का धागा और तानों से सजी है
तो क्या हुआ मुझे गर्व है
एक तवायफ का भाई कहलाते हुए
मैं क्या उसकी रक्षा करुंगा जो सैकड़ों लड़कियों कि रक्षा करती है
बांध लो तुम मुझे राखी
और तोड दो ये दोहरी सोच का धागा ...
© HeerWrites
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