प्रेम
भला देह के विश्लेषण से
प्रेम कहाँ परिभाषित होगा।।
अधरों पर कुछ प्यासे चुम्बन
बाहों के व्याकुल आलिंगन।।
वो यौवन में उमडी हलचल।
वो साँसों से झरता चन्दन।।।
इनमें धड़कन शामिल होगी।
नेह तभी सम्मानित होगा।।...
प्रेम कहाँ परिभाषित होगा।।
अधरों पर कुछ प्यासे चुम्बन
बाहों के व्याकुल आलिंगन।।
वो यौवन में उमडी हलचल।
वो साँसों से झरता चन्दन।।।
इनमें धड़कन शामिल होगी।
नेह तभी सम्मानित होगा।।...