...

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बाज़ार में
बिकने को तो बहुत कुछ बिकता है
बाज़ार में
तुमने तो मेरा भरोसा ही बेच दिया
बाज़ार में
बशर्ते क़ीमत ना मिली और ना ही बिका मैं
बाज़ार में
कोई सौदागर कोई ख़रीदार ही नहीं था उस
बाज़ार में
तुमने तो आज़मा ली क़िस्मत बेच दिया ख़ुद को
बाज़ार में
गलती तेरी नहीं अंदाज़ा ही नहीं क़ीमत क्या है भरोसे की
बाज़ार में
बस नादानी में बहुत कुछ बिक गया अब तेरा
बाज़ार में…….
© 𝕤𝕙𝕒𝕤𝕙𝕨𝕒𝕥 𝔻𝕨𝕚𝕧𝕖𝕕𝕚