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जान हार गुज़रे
यूं तेरी राह गुजर से दिवानावार गुज़रे
जैसे कांधे पे ले के कोई अपनी मजार गुजरे
बैठे हैं राह में विरानियो का शहर बसाए
इधर से शाय़द एक दिन बहार गुज़रे
ये बहती हुई नदियां ये खोते हुए किनारे
कोई तो पार उतरे कोई तो पार गुज़रे
तूने मुझको देखा मैंने भी तुझको देखा
तू तो दिल हार गुजरा हम तो जान ही हार गुज़रे
जैसे कांधे पे ले के कोई अपनी मजार गुजरे
बैठे हैं राह में विरानियो का शहर बसाए
इधर से शाय़द एक दिन बहार गुज़रे
ये बहती हुई नदियां ये खोते हुए किनारे
कोई तो पार उतरे कोई तो पार गुज़रे
तूने मुझको देखा मैंने भी तुझको देखा
तू तो दिल हार गुजरा हम तो जान ही हार गुज़रे
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