सुभाष चंद्र बोस
ज़माने पहले लगभग 135 साल पहले
एक शख्स हुआ करता था
वो औरों से कुछ अलग था
उसकी नाक किसी भी खतरें की
आहट शीघ्र ही सूंघ लेती थी
उनके कदम मंजिल की ओर बढ़ते थे
दिल देश के प्यार में धड़कता था
दिमाग अपने लिए नहीं अपनों के लिए सोचता था
क्योंकि
वो भारत मां की शान था
वो भारत मां का अभियान था...
एक शख्स हुआ करता था
वो औरों से कुछ अलग था
उसकी नाक किसी भी खतरें की
आहट शीघ्र ही सूंघ लेती थी
उनके कदम मंजिल की ओर बढ़ते थे
दिल देश के प्यार में धड़कता था
दिमाग अपने लिए नहीं अपनों के लिए सोचता था
क्योंकि
वो भारत मां की शान था
वो भारत मां का अभियान था...