...

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*मंहगाई *
सब पे पड़े हे भारी....
ये मंहगाई का डोर।।
अब पैसों का शोर......
होता है चारो ओर।।

ना इसका हो हल.....
ना है कोई छोर।।
सब भागे जाते हैं.....
पैसों की ओर।।

किया ?होगी तरक्की
ऐसे देश का....
जहां ना बचता हो ....
एक भी कोई कोर।।

हाय ! मंहगाई डायन
खाए जायेत है ।
अब यही संगीत....
बजते हैं चारो ओर।।

#writco
#paisa
#meradesh
#mahjabeentabassum.