...

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आइने का सवाल
बैठी एक रोज़ सामने
जब आइने के मै ......
अपने केशो को संवारने के
लिए ............

बोला आयना क्या? बात है
किसके लिए ये रूप ये श्रृंगार
है .......

मेरी आंखे कुछ यूं शर्म से झुक गई
मानो चांदनी रात तारो की चादर में
सिमटकर छुप गई ......💓।
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