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आपकी एक नज़र
दिल ने कितनी बार सोचा,
कि लफ़्ज़ों को जुबान तक लाऊँ।
पर हर बार मन तक ही रह जाता ,
जब मैं आपको देखकर ऐसे घबराउँ।
आज मौका है, मौसम भी ,
सफलता के लिए कोशिश तो एक बनती है।
पर डर है आपका जबाब सुनने में,
अगर आपने यह चित्त को ठुकराए।
नजाने क्यों यह दिल खुश है,
आपके पास बैठकर आज।
उम्मीद है मन को सुकून मिलेगा,
देखकर आपकी आँखों कि राज़।
© MSt-Saswati Priyadarshini
कि लफ़्ज़ों को जुबान तक लाऊँ।
पर हर बार मन तक ही रह जाता ,
जब मैं आपको देखकर ऐसे घबराउँ।
आज मौका है, मौसम भी ,
सफलता के लिए कोशिश तो एक बनती है।
पर डर है आपका जबाब सुनने में,
अगर आपने यह चित्त को ठुकराए।
नजाने क्यों यह दिल खुश है,
आपके पास बैठकर आज।
उम्मीद है मन को सुकून मिलेगा,
देखकर आपकी आँखों कि राज़।
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