...

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मेरा हाल...
हाल दिल का कविता में भेज रहा हूं,
बातों को अपनी शब्दों में लपेट रहा हूं,
यहां थोड़ा सर्द सा है तेरी तरह मौसम,
मेरी तरह तनहा और बेदर्द सा है मौसम।

शब्दों में मैं आज खुशियां समेट रहा हूं,
थोड़ी शिकायत थोड़ा प्यार भेज रहा हु,
रास्तों की इन दूरियों को कम कर रहा हूं,
अल्फाजों से अपने पास जो तुम्हे ला रहा हूं।

- जैमिन