मौसम -ए-बहार
ज़ुबां से तो न वो कभी इकरार करते हैं,
नज़रों से लेकिन सदा इज़हार करते हैं।
आते हैं जब वो सामने सिंगार करके,
कैसे बताएं कि दिल पर वार करते हैं।
दुआ तो देते हैं हमको अच्छे रहने...
नज़रों से लेकिन सदा इज़हार करते हैं।
आते हैं जब वो सामने सिंगार करके,
कैसे बताएं कि दिल पर वार करते हैं।
दुआ तो देते हैं हमको अच्छे रहने...