क्या सही था वो
मेरा अल्फाजों का हिसा था वो,
मेरा लफ्ज़ों की ताकत था जो,
बन के अंजान रह गया वो।
मेरी दुआओ मे मुराद था वो,
मेरी सफ़र की मंजिल था जो,
बन के तमन्ना रह गया वो।
जिंदगी की दास्तानों का किरदार बन...
मेरा लफ्ज़ों की ताकत था जो,
बन के अंजान रह गया वो।
मेरी दुआओ मे मुराद था वो,
मेरी सफ़र की मंजिल था जो,
बन के तमन्ना रह गया वो।
जिंदगी की दास्तानों का किरदार बन...