...

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कब्र के उस पार,,

जिंदगी में आजमाइश बहुत थी,
हर रास्ते पर मुश्किलों की बुनियाद थी,,
ख्वाहिशें तो जैसे तिनके-सी बह गईं,
और हर उम्मीद वक़्त से हार गई,,

मरने के बाद भी किसने कद्र की,
जैसे रूह मेरी भीगी यादों में सिमट गई,,
किसी को न फिक्र थी, न एहसास,
बस खाली नाम और बेजान...