...

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बेज़ुबान की कहानी मेरी ज़ुबानी
मेरे अंदर भी भावना थी
मेरे अंदर भी ममता थी

मेरे अंदर तो पल रही नन्हीं सी जान थी
पर शायद यह तुम्हारे लिए बहादुरी की मिसाल थी

जानवर तो मेरी जात थी
फिर क्यों तुमने ऐसी बात की

क्या बिगाड़ा था मैंने तुम्हारा
अपने मज़े के लिए क्यों मुझे मार डाला

जब मदद की आस थी
तब सिर्फ मेरी आत्मा मेरे साथ थी
अनानास के भीतर छिपी कैसी ये बिसात थी

आज तुम्हारी चर्चा का विषय बन गई मैं
तुम्हारे मैगज़ीन और पेपर में छप गई मैं
फिर भुला दी जाऊंगी बीते हुए कल की तरह मैं
बीते हुए कल की तरह मैं...

© Navi