...

5 views

kb tk
"आखों" ही आखों से कब "तक" बाते करोगी
नजाने "मोहब्बत" में जाया तुम "कितनी" रातें करोगी
"यकीनन" इक रोज उतार "फेकोगी" लिबास "मोहब्बत" का
जिस रोज "खैरात" में इश्क मांगा "करोगी"
पुरु शर्मा