अपनी लहर है अपना रोग दरिया हूँ और प्यासा हूँ
अपनी धुन में रहता हूँ मैं भी तेरे जैसा हूँ
ओ पिछली रुत के साथी अब के बरस मैं तन्हा हूँ
तेरी गली में सारा दिन दुख के कंकर चुनता हूँ
मुझ से आँख मिलाए कौन मैं तेरा...
ओ पिछली रुत के साथी अब के बरस मैं तन्हा हूँ
तेरी गली में सारा दिन दुख के कंकर चुनता हूँ
मुझ से आँख मिलाए कौन मैं तेरा...