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नए साल का आगाज़
कल ही कि बात थी आज दिन गुज़र गया,
ज़िंदगी का एक साल फिर से कम हो गया,
सँजोया इस साल भी दोबारा सपनें हज़ार,
कुछ हुए संजीता कुछ रह फिर एक बार,...