...

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तुम्हारी तरह कोई नहीं 💌
नहीं नहीं तुम्हारी तरह कोई नहीं🤗
किसी ने ग़ज़ले भी तो सुनाई नहीं...💌
मेरे साथ साथ गीतों की पंक्तियां दोहराई नहीं....
नहीं बांधा किसी ने कसम से मुझे🤞
तुम्हारी तरह सुबह रैन(रात) किसी ने बनाई नहीं...🌌
तुम्हारी तरह कहां समझाया किसी ने😌☺️
तुम्हारी तरह दरमियां किसी के आंख 😢मेरी यूं भी तो भर आई नहीं