“ओ मेरी जान-ए-वफ़ा अब साथ न चल”
ओ मेरी जान-ए-वफ़ा, अब मेरे साथ न चल,
तू अमानत है किसी और की मेरे साथ न चल,
अब मेरा प्यार तेरे प्यार का हक़दार नहीं,
तेरी चाहत के चमन का तलबगार नहीं,
अब किसी और के शानों पे है तेरा आँचल,
लोग रुसवा कर देंगे यूँ मेरे साथ न चल..
...
तू अमानत है किसी और की मेरे साथ न चल,
अब मेरा प्यार तेरे प्यार का हक़दार नहीं,
तेरी चाहत के चमन का तलबगार नहीं,
अब किसी और के शानों पे है तेरा आँचल,
लोग रुसवा कर देंगे यूँ मेरे साथ न चल..
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