...

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कातिल
इरादा नेक है मेरा जान
तेरे जीवन में
बस सामिल होना था
इश्क से इश्क में
काबिल होना था
आँख मूँदकर चल पडा प्यार में
हर हुक्म उसका
तामिल होना था
पर,
वास्ता ए महोब्बत भी उसे राज न आई
उस पर भरोसा कर कूद पडा आग में
तकदीर का लिखा
उस बेवफा का जालिम होना था
ए रब!बडा जूलम किया
जिसे चाहा बेपनाह,
उसे ही मेरा कातिल होना था!

सौम्यसृष्टि
© Somyashrusti