...

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"तुझमें बस यहीं कसूर है।"
तुझमें बस यहीं कसूर है।
जो तू मुझसे दूर है।
आंखो में बस बरसात है, तेरे यादों की,
जो टूटा है दिल मेरा, उसी टुकड़े का तू नूर है।


तुझे याद करके रोता है दिल मेरा, जो अधूरा हो गया।
थोड़ा सहता है दर्द इन गमों के, जो चोट पा गया।
तेरी तस्वीर देखकर तन्हा रहता है।
कुछ ना कहता है गैरो से, वो खुद सहता है।


तेरे उम्मीद...