...

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Poetry
हे ईश्वर ये क्या हो रहा हे,
तू ये बता,
तू नाराज़ किस बात से हे हमारी,
तू ये बता,

नासमझ हे हम जो ना समझते तेरे कायदों को,
इन कायदों को तोड़ने का क्या ये कोई डंड है,
तू ये बता,
तूने हर कदम पर हमें सम्भाला हे,
हम नादान बच्चें हे ना तेरे,
तू ये बता,
आज ‌फिर जरूरत हे इस संसार को तेरी,
क्या अभी तू नाराज़ हे हमसे,
तू ये बता,

हे ईश्वर ये क्या हो रहा हे,
तू ये बता,
तू नाराज़ किस बात से हे हमारी,
तू ये बता,

हमसे जो अपराध हुए हे,
उसे सुधारे कैसे,
तू ये बता,
हम आ भी नहीं सकते तेरे दरबार में आरज़ू लेकर,
मिन्नतें मांगे कैसे तुझसे,
तू ये बता,
अब हम समझ चुके हे इस कुदरत के नियम को,
तो अब तू कब तक हमें माफ नहीं करेगा,
तू ये बता,

हे ईश्वर ये क्या हो रहा हे,
तू ये बता,
तू नाराज़ किस बात से हे हमारी,
तू ये बता,