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नहीं हूँ मैं!
यूं ही बर्बाद नहीं हूँ मैं
खुद से ही आज़ाद नहीं हूँ मैं
मेरा ज़हन मुझसे कहता है
कि खुदको ही याद नहीं हूँ मैं
दो बातों से ही टूट जाता हूँ
औरों की तरह फौलाद नहीं हूँ मैं
वक्त हो गया सब कुछ लुटे
इक अरसे से आबाद नहीं हूँ मैं
कभी कभी हंस लेता हूँ
इतना भी जमाद नहीं हूँ मैं
इक छाप छोड़नी है मुझको
पर मेरे ही बाद नहीं हूँ मैं
07 Dec 2022
© Ruby
खुद से ही आज़ाद नहीं हूँ मैं
मेरा ज़हन मुझसे कहता है
कि खुदको ही याद नहीं हूँ मैं
दो बातों से ही टूट जाता हूँ
औरों की तरह फौलाद नहीं हूँ मैं
वक्त हो गया सब कुछ लुटे
इक अरसे से आबाद नहीं हूँ मैं
कभी कभी हंस लेता हूँ
इतना भी जमाद नहीं हूँ मैं
इक छाप छोड़नी है मुझको
पर मेरे ही बाद नहीं हूँ मैं
07 Dec 2022
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