...

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नहीं हूँ मैं!
यूं ही बर्बाद नहीं हूँ मैं
खुद से ही आज़ाद नहीं हूँ मैं

मेरा ज़हन मुझसे कहता है
कि खुदको ही याद नहीं हूँ मैं

दो बातों से ही टूट जाता हूँ
औरों की तरह फौलाद नहीं हूँ मैं

वक्त हो गया सब कुछ लुटे
इक अरसे से आबाद नहीं हूँ मैं

कभी कभी हंस लेता हूँ
इतना भी जमाद नहीं हूँ मैं

इक छाप छोड़नी है मुझको
पर मेरे ही बाद नहीं हूँ मैं

07 Dec 2022

© Ruby

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