संवाद से संवेदनाओं तक
#हिंदीकेरंग
एक आदम है,
मेरे घर में,
जिसका ह्रदय,
मेरे घर के कोने में बने दियारखे पे रखा है,
रखा नहीं,
समा गया है उसमें,
और उसके दुखों वाले दिनों में,
उससे आवाज आती है,
पुष्प,
गली,
चांद,
ओस,
वर्षा,
रागिनी,
सफेद,
धूप,
छांव,
भोर,
सांझ,
और रात,...
एक आदम है,
मेरे घर में,
जिसका ह्रदय,
मेरे घर के कोने में बने दियारखे पे रखा है,
रखा नहीं,
समा गया है उसमें,
और उसके दुखों वाले दिनों में,
उससे आवाज आती है,
पुष्प,
गली,
चांद,
ओस,
वर्षा,
रागिनी,
सफेद,
धूप,
छांव,
भोर,
सांझ,
और रात,...