जब अंतर मन
जब अंतर मन दुखता है,
हृदय से अश्रु धारा गिरता है,
मंद मंद सिसकियों से जैसे,
पैर तले जमी खिसकता है,
जब अंतर मन दुखता है,
हृदय से अश्रु धारा गिरता है,
भाव बिभोर हो...
हृदय से अश्रु धारा गिरता है,
मंद मंद सिसकियों से जैसे,
पैर तले जमी खिसकता है,
जब अंतर मन दुखता है,
हृदय से अश्रु धारा गिरता है,
भाव बिभोर हो...