💔ज़ख़्म
आँखों में थी नमी और दिल में गुबार था,
महफिल में सरेआम गुनगुनाता रहा हूँ मैं।
करने को दफ़न...
महफिल में सरेआम गुनगुनाता रहा हूँ मैं।
करने को दफ़न...