वो बहुत साधारण सी है
उसे तुम देखोगे न तो वो बहुत आसान सी लगेगी,
यूं सजना संवरना उसे पसंद नही
वो हल्की सी मुस्कान हर पल
होठों पर लिए चलती है
उसके हजार बार संवारने पर भी
बाल थोड़े बिखरे बिखरे से ही रहते है
उसके झुमके हमेशा जुल्फों में
उलझते सुलझते रहते है
वो जब आंख में काजल लगती है
तो काले बादलों से घिरा हुआ...
यूं सजना संवरना उसे पसंद नही
वो हल्की सी मुस्कान हर पल
होठों पर लिए चलती है
उसके हजार बार संवारने पर भी
बाल थोड़े बिखरे बिखरे से ही रहते है
उसके झुमके हमेशा जुल्फों में
उलझते सुलझते रहते है
वो जब आंख में काजल लगती है
तो काले बादलों से घिरा हुआ...