26/11 के शहीदों का बलिदान रहेगा याद
मृत्यु की
ठंडी उंगलियों ने
मानो छुआ हो
उस फ़ौजी को
कि जिसके जिस्म में धँसे
गोलियों का हिसाब कहा पाना भी
अब मुश्किल,
अपने जिंदगी के स्वर्णिम पलो को गँवा चुका
एक बहादुर पर मृत फ़ौजी है वो
दुश्मनों की गोलियों को सीने पर सहने के बाद
खून...
ठंडी उंगलियों ने
मानो छुआ हो
उस फ़ौजी को
कि जिसके जिस्म में धँसे
गोलियों का हिसाब कहा पाना भी
अब मुश्किल,
अपने जिंदगी के स्वर्णिम पलो को गँवा चुका
एक बहादुर पर मृत फ़ौजी है वो
दुश्मनों की गोलियों को सीने पर सहने के बाद
खून...