कुछ लिखना चाहती हूं...
कुछ बात लिखना चाहती हूं,
जज़्बात लिखना चाहती हूं
जो कह नहीं पाई ,
मैं वह राज लिखना चाहती हूं
दुनियां से जो सीखा मैंने, उसकी तारीफ लिखना चाहती हूं
जो मैं समझा नहीं पाई ,वह बात लिखना चाहती हूं
हर किसी अपने कि ,मैं अहमियत लिखना चाहती हूं
जो सुख-दुख में साथ थे मेरे, उनका साथ लिखना चाहती हूं
इंसान मैं भी हूं ,गलती करती हूं
पर अंत में मैं खुद को कामयाब लिखना चाहती हूं
जज़्बात लिखना चाहती हूं
जो कह नहीं पाई ,
मैं वह राज लिखना चाहती हूं
दुनियां से जो सीखा मैंने, उसकी तारीफ लिखना चाहती हूं
जो मैं समझा नहीं पाई ,वह बात लिखना चाहती हूं
हर किसी अपने कि ,मैं अहमियत लिखना चाहती हूं
जो सुख-दुख में साथ थे मेरे, उनका साथ लिखना चाहती हूं
इंसान मैं भी हूं ,गलती करती हूं
पर अंत में मैं खुद को कामयाब लिखना चाहती हूं