5 views
मौन बना मन
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
व्यंग पर गंभीरता का प्रहार करता है
प्रतीक्षारत नयन पर वार करता है,
मौन अक्सर हज़ार सवाल उठाता है,
मौन सवाल भी है और जवाब भी,
आतुरों का जीना दुश्वार करता है,
चंचल मन, चुप्पी साध परेशान करता है।
मन बेहद ज़िद्दी है, करे मन का अपने,
इसने भी पाल रखे हैं कुछ हठीले सपने,
पर पूरे न होते देख ये मौन धारण कर लेता,
वाचाल मन बच्चों सा मौन ग्रहण कर लेता।
__Archna Bharti
© All Rights Reserved
Related Stories
16 Likes
2
Comments
16 Likes
2
Comments