जन्माष्टमी की बधाई..
आज के दिन दो नन्हे कदम मीठी सी मुस्कान लिए आए धरती पे, हाथ मैं बंसी उठाएं, सर पर मुकुट के संघ मोर पंख लगाए।
अपनी शरारतों से सबको सताए, गोपियां के साथ रास रचाए और वह अपनी मैया के दुलारे कहलाए।
वहां दूसरी तरफ कर असुरों का नाश, नारी का मान रखा किया विश्व संघार,...
अपनी शरारतों से सबको सताए, गोपियां के साथ रास रचाए और वह अपनी मैया के दुलारे कहलाए।
वहां दूसरी तरफ कर असुरों का नाश, नारी का मान रखा किया विश्व संघार,...