...

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Ek Mulakat Eisi Bhi...
एक मुलाकात....

आज की यह पंक्तिया
आज की ही मुलाकात द्वारा रचयित है ।....

क्या आप कभी किसी
फूलबेचने वाले से मिले है
वह अपने संग
उन फूलो की सुगंध लिए रहता है

वैसे ही एक गुरु
शिष्य की मुस्कान लिए
रहता है।।।....
उसके दिल की पहचान
वह
अपने मन में
समाए रखता है।।


बिताये तो बस दो क्षण
संग आपके
पर बस,,
नही उन्हें बस नही कह सकते
उन दो पल में ही
जैसे सारि खुशिया समा गयी थी।।

जो डर था जो भय था
और जो संशय था
उस मुलाकात के बाद
उन सभी को
दूर होते पाया है मैंने
Sir जी।।।

Ek Positivity
जैसे अंधकार में घिरे
को मिली हो एक उम्मीद की किरण
वो भी
ऐसा अंधकार
जो ऐसा पर्दा है की
It NEVER let us know kii
We are WRONG

I found a state of Bliss
Peace From Heart
In your Presence
In YOUR LAP

Smiling
Enjoying
Trying to be Better
Wishing You A very
Very happy birthday
## Guruji##
From
Yours
DISTURBING ELEMENT



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