आओ पर्यावरण को संवारे
वो चांद को देख बचपन से ही लोरियां सुनते रहे,
और चंदा मामा कहते
आज कुछ पीला सा नजर आता है
आंखें जलती हैं शाम...
और चंदा मामा कहते
आज कुछ पीला सा नजर आता है
आंखें जलती हैं शाम...