...

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इंतज़ार!
#इंतज़ार

कोई दूर होकर भी लगे पास,
पास झांका तो बस तन्हाई का ऐहसास,
अगर तुम साजिशों में हो तो खेल बनना चाहेंगे हम...

पलको की खिड़की से झांक रही वो आंखे,
अंजान अक्स की पहचान करा रही वो आंखे,
अगर तुम आसुंओ में हो तो बेशक रोना चाहेंगे हम...

चेहरे की वो अधूरी शिकन,
सुनाई ना दे ऐसी जज़्बाती धड़कन,
अगर तुम इज्तीरार में हो तो सुकून बनना चाहेंगे हम...

होठों की नमीं बेजुबान बोल रही,
शिकस्ती का जो पैगाम दे रही,
अगर तुम अल्फाजों में हो तो बयान होना चाहेंगे हम...

बिखरी हुई जुल्फों की नादानी,
ज़हन में सदियों की खयालाती कहानी,
अगर तुम सपनो में हो तो आखिरकार सोना चाहेंगे हम...

गहरी दुनिया का छोटा कोई मकाम,
मिल जाए कोई इत्तिफाक से या बिछड़ जाए सर-ए-बज्म,
मगर तुम हो तो होना भी चाहेंगे हम...

दिल में दर्द काटों की तरह चुभ रहा,
रूह फूल की सेज ओढ़ने का इंतज़ार कर रही,
अगर तुम इस इश्क के इंतज़ार में हो तो,
सैंकड़ों सालो का इंतज़ार करना चाहेंगे हम.......

धन्यवाद!


© shiny soul