Gazal Gujarte hue samay ki
Gazal
Gujarte hue samay ki
1980 ke samay ki
बात पूरी नहीं कर गई और बे चली गई
सबरी काॅ खिलपाई के कछु कली रै गई
विलात चाऊनौ तौ वे तो तना मना दै गई
दिल बार गई वे तो छना मना कर गई
बनी रात ती हरदम चहल पहल
तुम आई हुई चुड़ियन की खन खन
पायलन की सुनके आवाज छन छन
दिल की धड़कन जात ती मचल
सबरी काॅ बरस पाई के कछु बदरियाँ रै गई
भली आई ती वे तो कलियाँ खिलाये
बीच मझधार में छोड़ के किनारे कर गई
रै गई कछु मन की बातें कछु तौ वे कै गई
उनके बिना हम कैसे जीबी जो नई
बड़ी मीठी करती ती बातें के बस रै गई उनकी यादें
रै रै के तड़पा तड़पा के उनके संग जी गुजरी रातें
आज ना जे होती बरसाते
रै रै के तडपाऊती आँगन से होती बरसाते
कै बड़ी मीठी करती ती बे बातें कै बस रै गई अब यादें
सोच के मन मचल जात जो उनके संग गुजरी रातें
भली आई ती वे तो कलियाँ खिलाये
खुशी पन से हमाओ दिल भर...
Gujarte hue samay ki
1980 ke samay ki
बात पूरी नहीं कर गई और बे चली गई
सबरी काॅ खिलपाई के कछु कली रै गई
विलात चाऊनौ तौ वे तो तना मना दै गई
दिल बार गई वे तो छना मना कर गई
बनी रात ती हरदम चहल पहल
तुम आई हुई चुड़ियन की खन खन
पायलन की सुनके आवाज छन छन
दिल की धड़कन जात ती मचल
सबरी काॅ बरस पाई के कछु बदरियाँ रै गई
भली आई ती वे तो कलियाँ खिलाये
बीच मझधार में छोड़ के किनारे कर गई
रै गई कछु मन की बातें कछु तौ वे कै गई
उनके बिना हम कैसे जीबी जो नई
बड़ी मीठी करती ती बातें के बस रै गई उनकी यादें
रै रै के तड़पा तड़पा के उनके संग जी गुजरी रातें
आज ना जे होती बरसाते
रै रै के तडपाऊती आँगन से होती बरसाते
कै बड़ी मीठी करती ती बे बातें कै बस रै गई अब यादें
सोच के मन मचल जात जो उनके संग गुजरी रातें
भली आई ती वे तो कलियाँ खिलाये
खुशी पन से हमाओ दिल भर...