...

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" मुहब्बत की गली "
अक्सर वो मेरे ख़्वाबों ख़यालों में रहती है
उसकी यादें मेरी यादों में रहती हैं
तुझमें सुबह का सुकूं के पल हैं
तुझमें शाम की शालीनता के पल हैं
खिली हुई है चांदनी वो लताफ़त कलि से
मैं गुज़रता हूं तेरी मुहब्बत की गली से।
तू शुमार है खिले हुए चमन में
तू हर सांस बनी है आशिक़ों की
तू मुहब्बत का वो नूरानी ताज़ है
जिसे हर किसी को...