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मोहब्बतों का सिलसिला
कल एक नई सुबह एक पुरानी प्रेम कहानी को नया आयाम देंगी,
मैं तुम्हें अपना नाम दुंगा और तु मुझे अपना नाम देंगी,
बरसों से बैचैन धडकनों को एक लंबे इंतज़ार से आराम देंगी,
जो लब प्यासें थे प्यार के उन लबों को प्यार का जाम देंगी,
गमों की धूप में दिन बीत गया अब खुशीयों की अनंत शाम देंगी,
जो चाहतों का हसीं सिलसिला फिर से शुरू हुआ है उसको खुबसूरत मुकाम देंगी।
© DEV-HINDUSTANI
मैं तुम्हें अपना नाम दुंगा और तु मुझे अपना नाम देंगी,
बरसों से बैचैन धडकनों को एक लंबे इंतज़ार से आराम देंगी,
जो लब प्यासें थे प्यार के उन लबों को प्यार का जाम देंगी,
गमों की धूप में दिन बीत गया अब खुशीयों की अनंत शाम देंगी,
जो चाहतों का हसीं सिलसिला फिर से शुरू हुआ है उसको खुबसूरत मुकाम देंगी।
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