...

19 views

ऊर्जा...
तेरी नज़र ही अगर मुझसे जुदा है
तो इसमें मेरी क्या गिला है
तू खुद से ही खफा है
तो इसमें मेरी क्या गिला है
तू ढूनना तो मुझे चाहता है
पर फिर भी
जाने अंजाने ही सही
मुझसे दूर जा रहा हैं
तो इसमें मेरी क्या खाता है
मैं ना मूरत में हूं
ना मैं सूरत में हूं
ना मैं आसमां में हूं
ना मैं ज़मीन में हूं
मैं तो ऊर्जा हूं
तुम्हारे एहसासों में हूं
तुम जहां मुझे महसूस करो
मैं उस कड़ कड़ मे हूं
मैं तुम में हूं...
© shafika singh