सुनामी
समंदर की तरह शांत हैं दिल मेरा,
हा कुछ बैचेनियाँ कभीं कभीं आंधी ले आती हैं,
चाहता हैं दिल मेरा दस्तक उसके आने की,
पर उसका आना समंदर में सुनामी ले आता हैं।
तूफ़ान की दस्तक लगता हैं उसका आना,
दिल बड़ा घबराता हैं,
ये तेज हवा बयार की,
ना जाने मुझे वो किस दिशा में ले जाना चाहता हैं।
ठहरा हुआ एक जगह ना जाने कब से मैं,
जब बुलाया उसे तो वो आया नहीं,
अब लहरें समंदर की शांत हैं,
तो वो आके क्यों ना जानें ये बैचेनियाँ बढाना चाहता हैं।
अब उसे आना इस कदर मेरी दुनिया में,
की अब वो हमारी दुनिया बसाना चाहता हैं,
पर ये खामोश दिल को कैसे समझाऊ,
एक बार फिर प्यार पर इकरार जताउ कैसे।
कैसे भाग जाऊ हाथों में हाथ डालें उसके,
परवाहों में सिर्फ मेरी,
वो और मेरा ईश्क़ शामिल हो,
ना सोचूँ ठहराव मेरा और ये जुबानी जमानें की,
मैं बस बहती चली जाऊ मेरे यार के सीनें में,
फिर कहा मुझे परवाह किसी सुनामी की।
© shivika chaudhary
हा कुछ बैचेनियाँ कभीं कभीं आंधी ले आती हैं,
चाहता हैं दिल मेरा दस्तक उसके आने की,
पर उसका आना समंदर में सुनामी ले आता हैं।
तूफ़ान की दस्तक लगता हैं उसका आना,
दिल बड़ा घबराता हैं,
ये तेज हवा बयार की,
ना जाने मुझे वो किस दिशा में ले जाना चाहता हैं।
ठहरा हुआ एक जगह ना जाने कब से मैं,
जब बुलाया उसे तो वो आया नहीं,
अब लहरें समंदर की शांत हैं,
तो वो आके क्यों ना जानें ये बैचेनियाँ बढाना चाहता हैं।
अब उसे आना इस कदर मेरी दुनिया में,
की अब वो हमारी दुनिया बसाना चाहता हैं,
पर ये खामोश दिल को कैसे समझाऊ,
एक बार फिर प्यार पर इकरार जताउ कैसे।
कैसे भाग जाऊ हाथों में हाथ डालें उसके,
परवाहों में सिर्फ मेरी,
वो और मेरा ईश्क़ शामिल हो,
ना सोचूँ ठहराव मेरा और ये जुबानी जमानें की,
मैं बस बहती चली जाऊ मेरे यार के सीनें में,
फिर कहा मुझे परवाह किसी सुनामी की।
© shivika chaudhary