...

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भूत ( कविता )
भूत जोर जोर से मेरे सामने नाच रहा था
पर यह क्या यह तो आइटम डांस कर रहा था ।
मुझे अचम्भा यह न था कि भूत मेरे सामने है
बल्कि अचम्भा यह था कि ये भूतनी नही भूत है
फिर ये आइटम डांस क्यो दिखा रहा है ।
अब सवाल यह था उसने क्यो इतना पुराना गाना चुना ।
मैने फटा फट उठ कर आईने मे अपना चहेरे देखा
फिर समझ मे आया इस उम्र तो यही डांस मिलता है भूतनी नही , भूत से ही काम चलता है
फिर भी घर से भूत को भागना तो था
"स्त्री कल आना " कहने वाली रस्म को निभाना तो था ।
फिर भूत गाना छोड़ कर ऐक्टिंग पर उतर आया
मै भी जल्दी भीतर से अपनी बीवी को ले आया।
देखते ही भूत कूदा खिडकी से , भागा जल्दी से ,
और मेरी बीबी देख उसने शोर मचाया
अरे बाप रे , आयी मुसीबत कह कर , वो चिल्लाया ।



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