...

6 views

सकारात्मक हस्तक्षेप
हस्तक्षेप अपने विचारों में करना जानते हो
या घायल सिर्फ अपने परों को करना जानते हो

ऊफन रही थी नदी जोरों से, ना बांधा बांध
टूट चुका शहर जब व्यथा सुनाना जानते हो

जीवन के जंगल में काटने को थे हजार पेड़
धार न की तेज कभी पर दोष देना जानते हो

आम का भी था बीज पर कांटों को देते रहे पानी
सुखा दिया बीज, किस्मत बदलना जानते हो

गुलमोहर के बाग हैं तुम्हारे पास उसका मज़ा नहीं
जो पेड़ नहीं है बाग में उसका गिला जानते हो

अब तो शुरू कर दो रोज एक सकारात्मक हस्तक्षेप
वरना विचारों को तो बस जहर बनाना जानते हो

####################

© Ashutosh Kumar Upadhyay



*****हमारा दिमाग by default जरुरत से ज्यादा negative सोचता है।****
पॉजिटिव साइकोलॉजी...