श्रवण होना भूल जाता है...
एक सत्य जगत् का ये भी है कि,
बड़े होने पर पुत्र,
भूल जाता है, ज़िम्मेदारियां अपनी,
भूल जाता है, वादों वाली झूठी कहानियां अपनी,
एक ओर, पिता अपने पुत्र...
बड़े होने पर पुत्र,
भूल जाता है, ज़िम्मेदारियां अपनी,
भूल जाता है, वादों वाली झूठी कहानियां अपनी,
एक ओर, पिता अपने पुत्र...